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अद्भुत कविता , रश्मिरथी की याद दिला दी
ОтветитьJay ho bhagvan parsuram shisya Radhe Karan ki you viswa ke sarvshreshth Yodha ho. Our mahadev ke atirikta tumse badha dhanudhar pure Vishwa me ko nahi hai our na koi hoga ye satya hai
Ответитьधीर वीर गंभीर कर्ण था युद्ध नीति का ज्ञानी,
वीर न उसके जैसा था न उसके जैसा दानी,
तीर चलता विद्युतसा वो शस्त्रों अभ्यासी,
वाणी से शस्त्रास्त्र करें तो लगता था सन्यासी,
नभ तक घूंजित होती उसकी धनवा की टंकार,
तीर कर्ण के जाके गिरते सागर के भी पार,
तप के बल से ब्रज शरीके थे उसके भुजदंड,
क्षण भर में वो कर देता गिर के अंगित खंड,
रण कोशल में उसके जैसा जग और नहीं था,
दुनिया के लाखो प्रश्नों, उत्तर सिर्फ वहीं था,
रण थल का आभूषण था वह, धरती का सम्मान,
पन्नो में इतिहास की वह है, वीरों की पहचान।
कर्ण चला समरांगण में अर्जुन का तेज परखने,
धनवा से अरिमुंड उड़ाने गिरिवा पर असी रखने,
कुरुक्षेत्र में सवाद युद्ध का चखने और चखाने l,
शुर वीर राधेय चला अब रण कोशल दिखलाने,
महावीर जब रथ पर चढकर समर भूमि में आया,
पांडव सेना पर घिर आई भय की काली छाया,
भागो भागो प्राण बचाओ हर कोई चिल्लाया,
माधव के अतिरिक्त न समझा कोई कर्ण की माया,
केशव बोले सुनो पार्थ तुम समय न व्यर्थ गवाओ,
विजय चाहते हो तो पहले अपना बाण चलाओ,
दुर्योधन आया है करने मानवता का मर्दन ,
किंतु कर्ण की मुठ्ठी में है मैत्री का प्रण पावन,
कर्ण खड़ा है दुर्योधन के प्रति कर्तव्य निभाने,
युद्ध भूमि में दानवीर आया है कर्ज चुकाने,
सूर्य पुत्र यह शूरवीर किंचित भी नही झुकेगा,
इसके बाणों का अंधण अब तुमसे नहीं रुकेगा,
अग्नि कुंड में कृत समान वह युद्ध को नव स्वर देगा,
ताज विजय का दुर्योधन के मस्त पर धर देगा।
कौन्तेय ने प्रत्यंचा पर जोही बाण चढ़ाया,
सुधित सिंह सा सूर्य पुत्र को अपने सम्मुख पाया,
अर्जुन बोला सूत पुत्र में तेरे प्राण हरुगा,
धर्मराज के चरणों में कुरुओ का ताज धरुगा,
पांचाली के आंखो में अब आसू नही रहेंगे,
अभिमन्यु के हत्यारे अब जीवित नहीं बचेंगे,
शांत हुई वह अग्नि लगी थी लाक्षागृह आंगन में,
अरि शोणित से आग बुझेगी धधक रही जो मन में,
अर्जुन की बातो को सुन कर भानू पुत्र यह बोला,
मैंने जिसको योद्धा समझा निकला बालक बोला,
भुजबल स्वामी शब्दो से यो आरियों को नही डराते,
योद्धा अपने पौरुष का यो गौरव नही गिराते,
सच्चे योद्धा शब्द त्याग कर शर से बाते करते,
भुजदंडों के दम पर ही वे दुनिया का तम हरते,
युद्धभूमि में परखा जाता रण का कौशल सारा,
समरांगण ही तय करता है कौन काल से हारा।
लगे बाण पर बाण बरसने युद्ध हुआ तब भीषण,
राह पतन की लेके आया तभी अचानक वह रण,
आसमान में विद्युत जैसे सहायक लगे तड़कने,
दोनो क्षुरो के भीतर की ज्वाला लगी भड़कने,
दृश्य देखकर भाजी कुंजन करने लगे निनादा,
कर्लव करते खग्गल में था छाया गौर विषादा,
रणस्थल से दूर नगर के नर नारी चिल्लाए कुरुक्षेत्र के महाप्रलय से ईश्वर आज बचाए।
तभी कर्ण के स्यंदन का पहिया दलदल में आया,
बलशाली अश्वों ने अपना पुरा जोर लगाया,
लेकिन आज नियति को कुछ स्वीकार नहीं था,
पहिया बाहर आ न सका अब तक धसा वही था,
धनुष रखा तब कर्ण निहत्ता, रथ से नीचे आया,
अर्जुन ने भी बाण रोक कर क्षत्रिय धर्म निभाया,
लेकिन माधव कपिध्वज को ललकार अभय हो बोले,
अर्जुन के हृदय में नारायण रोप रहे थे शोले,
भृगु नंदन का दिया हुआ अभिशाप व्यर्थ न जाए,
शायद इसी कारण ही नटवर ने शोले भड़काए,
लाक्षागृह को याद करो तब युद्ध नियम में झूलो,
भरी सभा में पांचाली का दर्द पार्थ मत भूलो,
युद्धभूमि में ऊच नीच तुम बिलकुल नहीं विचारो,
सूर्यपुत्र की छाती पर अब अंतिम बाण उतारो,
माधव के वचनों को सुनकर अर्जुन कुछ सकुचाया,
दिव्य शक्तियों को आमंत्रित कर गांडीव उठाया,
शस्त्रहीन पर लक्ष्य साध कर अर्जुन ने शर छोड़ा,
तीर कर्ण को मार वियज रथ पांडव पथ पर मोड़ा,
मिली पराजय किंतु कर्ण ने जय को गले लगाया,
रवि का बेटा देह त्याग कर रवि में पुनः समाया,
दान शीलता का दानी से हुआ आज अतिरेक,
देह दान कर किया कर्ण ने मृत्यु का अभिषेक,
ज्ञानी दानी वीर धनुर्धर विदा हुआ था आज,
धर्मराज के सिर पर आया कुल का रक्तिम ताज।
Bhoot acha ❤❤❤karan is great 😃❤
ОтветитьDid u notice his voice like lion😮 it seems as if Karn is speaking himself
ОтветитьHat's off to you ❤
ОтветитьKya ye Uncle osi kar Karn ki baat kar rhe h jo gandharv yudh se darr ke bhaag gya tha. 😂😂😂😂😂
ОтветитьKuch bhi ho
Adharmi to adharmi hi hota h
Arjun was great ❤❤❤
Apna samarthya aisa banao...
Aapko marne k liye chhal nhi swayam narayan aur Hanuman ji ko milkr b poora sajis krne pade
Karna 🚩🚩🚩
Kya likha he sir apne uffffff kya varan kiya he..Aj tak ka karn pr ka sabse badhiya poem he ye❤❤❤❤❤❤ salute 🙌🙌🙌🙌🙌🙌🙌🙌
Ответитьअर्जुन तो फीरभी अर्जुन है जयद्रत को मारनेके वक्त जब भगवान ने सुर्य के आगे बादल रखदीया था तब भी अर्जुन ने सूर्यास्त समजकर अपना सस्र रखदीया था करण नेभी अर्जुन पर दीव्य शक्ति योका उपयोग करना चाहा था लेकीन अर्जुन ने कभी करण पर दीव्यास्र का प्रहार नही कीया था करण जानता था की अर्जुन को साधारण बाणो से नही पराजीत कीया जासकता इसीलिए करणने अर्जुन को मारने इद्रदेव का शक्ति दीवयास्र बचाके रखाथा ओर नागपास भी छोडा था ओर अंतमे ब्रमास्र का भी आहवान कीया था लेकीन अर्जुन ने कभी करण को साधारण बाणो के सीवा पराजीत नही कीया
Ответитьकर्ण इज ग्रेट
Ответитьअति सुंदर कविता सर जी❤आप स्वयं वीर रस के महान कवि
Ответитьकाश आज सूर्य पुत्र कर्ण जिंदा होते तो मैं उनके चरण स्पर्श जरूर करता,,__( जय श्री राधे कर्ण की )__🚩🙏
ОтветитьJai Ho
ОтветитьBhut bhadya sir ❤❤❤
ОтветитьWaah ❤❤
Ответитьअर्जुन फिर भी अर्जुन था
ОтветитьJay ho Karan ki
Ответитьतुम गांडीव उठाकर और में सुदर्शन चक्र ले के जाते फिर भी रण समरआगण में नरश्रेष्ठ कर्ण कर्ण को जीत नही सकते थे
श्लोक नंबर _ 17
अध्याय नंबर _180
पेज नंबर जी_ 3656
Arjun andhbhakt be like _ me nhi manta
Ise😂😂😂😂😂😅🤣🤣🤣😂😂🤣😂😂😂
Bhakt bano andhbhakt nhi
Jai shree Krishna ❤❤❤😊
👏👏👏👏
ОтветитьJai radhe karn ❤❤❤❤❤
ОтветитьJai Ho Angraj karn 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
ОтветитьDhany hai Janani aap ki Jo aap ke jaisa beta Di hai ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
ОтветитьMast❤❤❤
Ответитьॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ
Ответить🙏🏻🙏🏻🙏🏻
ОтветитьJai ho suryaputra karna kii rashmirathi maharathi surveer prabal angraj karna ki jai jai kar
ОтветитьJai ho danvee karn
ОтветитьHinduo jago thumhare ithas KO ye log adrmiyo ko mahan batenge karan adhrmi tha arjun dhrami tha mai jain hu par muje is granth ke bare me sab pata he kon mahan tha
Ответитьसूर्यपुत्र कर्ण जिनकी गौरव गाथा आप नै सुनायि दिल से बोल रहा हु बहूत हि सुदंंर लगी।भ्ग्वानआपकी सभी मनोकमना पुरि करे।🙏🙏🙏🙏🙏
ОтветитьGreat warrior Maharathi Kaurn ....
Ответитьwah wah wah kya baat sir ji . i like maharathi karan ❤❤❤
ОтветитьJay ho kran srv sryeht hai kran
ОтветитьYe poem mere bhot dil ke krib he kya likha he sir apne❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
ОтветитьHum bhot bade fan he maharthi danveer karn ke❤❤❤....Jab padhai se thak jati hu me apki ye poem sunti hu itni achhiiiii poem maine aj tak nhi suniiiiiiiiii..Ye poem sun kr mera padhai ka josh double ho jati he...Pranam he sir apko kya varnan kiya he apne awesome awesome awesome just awesome....Best best
ОтветитьAdarniy Nirbheek ji I LOVE YOU
ОтветитьGood evening jai shri krishna Radhe Radhe
ОтветитьJai nirbheek Jai jai nirbheek
ОтветитьGandhab se Karan to Dake bhag geay thha
Ответить😊😢
ОтветитьBest
ОтветитьShandaar
ОтветитьKaran 👏👏
ОтветитьThe greatest worrior danveer karna 😢😢😢😢😢😢😢😢
Ответить🙏jay siya ram jay svi deo ki jay mata ji ki jay jay svi sadu snty risi jgt guru mhatma gno or unke guno ka sty snatn se 🌙🪐💫🌞🧘♂️📿📚📝🙏👌✍soyagt he aap svi 🌍ko, beti bchao bche 🌙🪐💫🌞🧘♂️📿📚📝🙏👌✍pdhao,mhila surkcha mhila ssti krn, soykch 🧹🗑🧺🌍bhart 🧴🧼🙌🚰🔎yviyan, hm sydrege jg sudrega, sbka saty sbka bikash, hindustan ka svi 1+1.....bche ypne 🌍desy ka 🌙🪐💫🌞🧘♂️📿📚📝🙏👌✍vvisy he , 🙏🙏
ОтветитьRadheya karna🙏🏻🙏🏻
ОтветитьArjun to bahut milenge par kran koi nahi milega bhagwan Surya Putra kran ki Jay ho
ОтветитьMansur hee
Ответить😭😭papa
Ответить