Комментарии:
23 march 1931 Bobby deol wali movie dialogue to dialogue copy h mai use authentic samjh rha tha
ОтветитьBhagat Singh aur unke sthiyo ko allah 7 assaman jant mein ata farma ameen❤️❤️
ОтветитьSh bhart kumar❤❤❤ koi fark lagda
?
way back when Bollywood had a spine
Ответитьभगत सिंह सुखदेव राजगुरू अमर रहे
Ответитьभगत सिंह अमर रहे
Ответитьइंकलाब जिंदाबाद ❤
ОтветитьBachpan se sunti aayi hoon apni maa se, aaj bhi vohi josh hai dil mein. Hamari azaadi zindabad
Ответитьशहीद फिल्म को रंगीन बनाया जाय, वेद प्रकाश परिहार
Ответитьमनोज कुमार गोस्वामी सर,aapkosats सत सत नमन, ऐसी हकीकत को उजागर करने वाली फिल्में बहुत कम ही होती हैं, धन्यवाद, वेद प्रकाश परिहार।
ОтветитьGreat and emotional movie 👏👏😢🙏🙏🙏🙏
ОтветитьSander Super great jai hind jai Bharat ❤❤❤
Ответить🔥🔥🔥🔥🔥
ОтветитьPlease upload manoj kumar's resham ki dori, sanjeev kumar's kangan, saaz aur sangam
ОтветитьUnn maaon ka socho jinhone aise bachon ko Janam Diya jinhone itne balidaan diye. ..sirf ye teen hee nahi ....kitne hee sainkadon the aise
Ответитьसलाम है उन मां को जो इन जैसे वीरों को जन्म दिया।
ОтветитьJai hind Jai Bharat🙏💯
Ответитьजो देशभक्त थे प्यारे वतन पर ह॓स्ते हंसते कुर्बान हो गए और जो लालची और बेईमान भेङिये थे उन्होने देश पर कब्जा कर लिया।
ОтветитьCan't listen without 😭
ОтветитьShahido ki chitao par lagenge har baras mele watan par Mitne walo ka yehi Paaki Nishaa Hoga ..... BHARAT MATA KI JAI... INQUILAB ZINDABAD 🙏🙏🙏🙏🙏
ОтветитьLast seen heart broken i proud of Azad bhagat Singh
Ответитьये कोई फिल्म नहीं, मेरे भगवान की कहानी है ये, 🇮🇳🇮🇳😭😭😭😭
भारत माता की जय, 🇮🇳
इन्कलाब जिन्दाबाद
फांसी झांसी में लगती है लाहौर में नहीं
Ответитьदिल्ली पुलिस नहीं डाकु पागल
Ответитьयह फिल्म रंगीन होनी चाहिए
Ответитьमुझे लगता है कि वार्तालाप बात चीत धरना प्रदर्शन यह दबंग कमाऊ के लिए मजबूरी है
ОтветитьOld is golden 😊
ОтветитьChandra Shekhar aazad wala seen kanha hai
ОтветитьShri Manoj Kumar Sahab Evergreen Hero, Desh Bhakt n Very Handsome Decent Actor 😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍😍🧿🙌
Ответить🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Ответитьसिर्फ फिल्म देखने मात्र से ही लगता है कि हमारा देश सिर्फ 1857 से नहीं बल्कि उससे कई साल पहले से ही गुलाम था। क्योंकि मुझे भगतसिंह की फिल्म में कहीं पर भी हिन्दी अखबार दिखाई नहीं दिया था अंग्रेजी अखबार भी नहीं सिर्फ उर्दू अखबार और इससे साफ़ पता चल जाता है कि सिर्फ अंग्रेजी हुकूमत से ही देश परेशान नहीं रहा होगा यहां पर जिसने जब शासन किया होगा अपनी हुकूमत चलाईं होगी।बात बहुत छोटी लगेगी लेकिन यहीं सत्य है। जब भी जो आया अपनी ताकत और शक्ति के बलबूते हमारे देश पर कब्जा कर लिया होगा और देश वासियों को गुलाम बना लिया होगा। आपको क्या लगता है कि यदि भगतसिंह 1947 में रहते तो क्या वो भारत को दो टुकड़ों में बंटने देते? शायद कभी नहीं और मैं क्यों नहीं समझूं की भगतसिंह को फांसी के तख्ते पर चढ़ाने का जिम्मा मोहम्मद अली जिन्ना को भी दिया जाना चाहिए क्योंकि यहां तो कहीं पर भी ना ही महात्मा गांधी जी दिखाई दिए और ना ही मोहम्मद अली जिन्ना ही आएं थे फांसी रूकवाने के लिए।
हां किताबों में लिखा हुआ है कि महात्मा गांधी जी ने भगतसिंह की फांसी रूकवाने की बात करी थी सरकारी गवाह बनने के एवज में। खैर भारत की धरती पर विभिन्न प्रकार के जातियों और भाषाओं को बोलने वाले लोग रहते हैं लेकिन भारत की राष्ट्रभाषा हिन्दी हैं और इस फिल्म में मैंने गौर किया कि रावलपिंडी में लाहौर में सिर्फ उर्दू में ही अख़बार छपते थे इससे साफ़ जाहिर होता है कि सिर्फ अंग्रेजी हुकूमत ही भारतियों पर भारी नहीं पड़ी थी बल्कि इस्लामी हुकूमत भी भारी पड़ी थी।
क्योंकि आज़ देश का हर अखबार हिन्दी में छपती है और अंग्रेजी इसलिए क्योंकि अंग्रेजी विश्व स्तर का लेंग्वेज है।हो सकता है कि उर्दू अखबार भी छपते होंगे इसमें कोई बुराई नहीं है लेकिन राष्ट्रीय भाषा तब 1947 के पहले निश्चित रूप से हिन्दी और नहीं तो संस्कृत रहीं होगी और उसी में छपने चाहिए थे।
जिसको मिर्ची लगती हों तो लगें लेकिन सच्चाई तो यहीं हैं। मैं किसी को ठेस पहुंचाने की हैसियत से नहीं बोल रही हूं बल्कि भारतीय होने के नाते से बोल रही हूं।
मुझे किसी से बैर नहीं मैं किसी के देश पर कब्जा नहीं करी और ना ही वहां जाकर अपने हिन्दी भाषा को या संस्कृत भाषा को जबरन किसी को पढ़ने पर मजबूर ही करी। लेकिन जब जब कोई भी भारत में आया भारत की खोज करने के बहाने वो पहले व्यापारी बना फिर अपनी दृष्टि गड़ाने लगा और फिर हमला बोल दिया। हमें सदैव अपने गुनाहों को याद रखना चाहिए और समझना चाहिए कि हां ग़लती तो हुई थी जिसे आप गलती नहीं मान कर गुमान मानते हैं फक्र करते हैं। यदि मेरे पूर्वज अमेरिका में जाकर लूट पाट करते और वहां पर कब्जा करते तो मैं उस बात को लेकर फक्र नहीं करती बल्कि अफसोस करती और कोशिश करती की मेरी सन्तान ऐसा कभी भी नहीं करें।
भारत माता की जय।🙏🌻🙏
For This Movie, Manoj Kumar himself met mother of Shaheed Bhagat Singh and this is only movie which is written by Freedom Fighter Batukeshwar Dutt himself who was the best friend of Bhagat Singh.
ОтветитьLog kehte he ki aazadi Gandhi ji ke charkhe se mili he to me khta hu ki aazadi charkhe se nhi sahid bhagat singh raj guru or sukhdev ke balidan se aazadi mili he o mere desh ke laal aap sabko koti koti pranam aap sadev hamare dilo me bastey he sahido martey nhi amar ho jatey hai jai bharat mata bande matram 🇮🇳🇮🇳🇮🇳❤️❤️❤️🌹🌹🌹🙏🙏🙏😭😭😭🙏🙏🙏
Ответитьજય ભારત માતા જય હિંદ વંદે માતરમ્ શહીદ વીર ભગત સિંહ અમર રહો ઇન્કલાબ જિંદાબાદ 💪🏻💪🏻💪🏻
ОтветитьDownload option nhi h
ОтветитьI get so emotional after watching this movie 😥😥
ОтветитьKoi matlab nahi hai shahido ki aazadi ka...... vartman desh ke neta Desh Ko bech kar kha gaye
ОтветитьBest movie ever made on Bhagat Singh ji.
Ответитьjai hind 🇮🇳
Ответить❤इंकलाब जिंदाबाद
ОтветитьThe True ✊👌👍
ОтветитьMatribhumi ke aise veer saputon ko shat shat naman Jo desh ki khatir hanste hanste phaansi par jhool Gaye,
Ответитьसच ... क्या वीर थे 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ОтветитьMasterpiece of India cinema
ОтветитьWatching this on 23rd March 2023
Jai Hind
Jai Bharat
Bhagat Singh ji ki jai ho
शानदार मूवी।। ये सिर्फ एक फिल्म नही हम हिंदूतनियो के संवेगनाओ से जुड़ी एक दस्ता है.. मै आज शहीद मूवी शहीद दिवस पर देखकर... गौरवंवित महसूस कर रही हु,,😔😔 जय भारत माता की 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
ОтветитьJai hind
ОтветитьMene aj ye movie dekhi 13.3.2023 ko or movie dekhte huy sirf aashu nikalte rhe ye eshwar humlog aaram se h is liy itne dukh sahe in sahido ne
Ответить