Комментарии:
जड़ और चेतना एवं उनका आसुरी और दैवीय लक्षणों से संबंध को सरल भाषा में व्याख्यान सारर्गभत है और सिर्फ र्कनल लक्षमी कांत तिवारी जी द्वारा ही संभव हुवा है। मैं ईनकी व्याख्यानो से वयक्तिगत रुप से लाभकारी हुवा हूँ।
Ответитьएक अच्छा प्रयास जो हम लोगों की जिज्ञासा के अनुकूल है .
Ответитьबहुत अच्छी जानकारी गीता के मर्म को समझने में सहायक सिद्ध हो रही है।
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