Комментарии:
Kya bakchodi kar rahi hai sarkar Kshatriya or Rajput or Thakur ek hi Jatti hai
Ответитьआप विमुक्त जाति की सूची भी
Ответитьआपने धोबी को ओबीसी में और एससी दोनों में दिखाया है, ऐसा क्यों है?
Ответитьबहुत बडिया
ОтветитьBhaai baniya bhi genral me hae pta ho toh
Ответитьब्राह्मण विदेशी है भारत मे ब्राह्मण भगाओ देश बचाओ
Ответитьदिल्ली के प्रयोग में फस गए,
नितीश कुमार ।
और बलि चढ़ा पिछड़ा शोषित वंचित दलित आदिवासी समाज जो उनके प्रति बड़ी आशा और विश्वास की नजर से देखता था ।
मुझे यह जान कर हैरत हैं 15 महीने की नितीश +तेजस्वी की सरकार ने जो वादे किए, उसे डिलीवर किया।
पिछले 15 महीने, बिहार की तरक्की और खुशहाली के लिए समर्पित रहे।
विहार ने हाड़ कंपाने वाली ठंड में रात के दो बजे मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री मंत्रियो को अस्पतालों का दौड़ा करते देखा। उन्हें जापान के प्रतिनिधियों के साथ बिहार में टूरिज्म पॉलिसी पर काम करते देखा।
70 दिनों के भीतर दिए गए ऐतिहासिक सवा दो लाख नौकरियों का गवाह पटना का गांधी मैदान रहा ।
केवल 15 महीने में दिए गए चार लाख सरकारी नौकरियों ने बिहार का कायाकल्प कर दिया।
अब बिहार में रणजी ट्रॉफी होने लगा था। बिहार के खिलाड़ियों को मेडल के बदले नौकरी मिलने लगी थी ।
मोइनुल हक स्टेडियम के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरु हो चुकी थी। पटना में मेट्रो का कार्य युद्ध स्तर पर जारी था, मरीन ड्राइव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का रिवर फ्रंट बनाया जाने लगा था। रीगा का चीनी मिल फिर से चालू हो चुका था।
जो अबतक पूरे देश में नहीं हुआ, वो नितीश + तेजस्वी ने कर दिखाया। जाति आधारित गणना कराई, उसके वैज्ञानिक आंकड़ों को सार्वजनिक किया।
आरक्षण को बढ़ाकर 75% किया, 94 लाख परिवारों के स्वरोजगार के लिए ₹2 लाख की व्यवस्था की।
पहली बार बिहार में इन्वेस्टर्स समिट हुआ। पहली बार 50 हज़ार करोड़ का निवेश आया। पहली बार कोई स्वास्थ्य मंत्री आया, जिसे सदर अस्पतालों की फिक्र हुई, जिसने मुफ्त दवाओं की व्यवस्था की। जिसने आईजीआईएमएस में मुफ़्त इलाज के लिए निर्णय लिया।
आंगनबाड़ी सेविका की सैलरी बढ़ी, आशा दीदी की सैलरी बढ़ी। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त हुआ।
दवाई, कमाई, पढ़ाई को राष्ट्रीय विमर्श बनाया।
सामाजिक न्याय की लड़ाई को आर्थिक न्याय तक पहुंचाया। गिनवावे के लिए सैकड़ों कार्य हैं। सैकड़ों उपलब्धियां है।
ये पंद्रह महीने बिहार के लिए स्वर्णिम दौड़ था।
लेकिन अब नीतीश जी का जीवन अमित शाह का प्रयोगशाला बन गया है । वो और उनके लोग डर गए दिल्ली की ई.डी से,
हम उन्हें सम्मानपूर्वक विदा करेंगे। लेकिन ये लड़ाई नहीं रुकेगी। दबे, कुचले, वंचित समाज की लड़ाई।
बिहार नहीं रुकेगा। जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की वैचारिकी के लोग नहीं झुकेंगे ।
हम लड़ेंगे, जीतेंगे। 💙💛
दिल्ली के प्रयोग में फस गए,
नितीश कुमार ।
और बलि चढ़ा पिछड़ा शोषित वंचित दलित आदिवासी समाज जो उनके प्रति बड़ी आशा और विश्वास की नजर से देखता था ।
मुझे यह जान कर हैरत हैं 15 महीने की नितीश +तेजस्वी की सरकार ने जो वादे किए, उसे डिलीवर किया।
पिछले 15 महीने, बिहार की तरक्की और खुशहाली के लिए समर्पित रहे।
विहार ने हाड़ कंपाने वाली ठंड में रात के दो बजे मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री मंत्रियो को अस्पतालों का दौड़ा करते देखा। उन्हें जापान के प्रतिनिधियों के साथ बिहार में टूरिज्म पॉलिसी पर काम करते देखा।
70 दिनों के भीतर दिए गए ऐतिहासिक सवा दो लाख नौकरियों का गवाह पटना का गांधी मैदान रहा ।
केवल 15 महीने में दिए गए चार लाख सरकारी नौकरियों ने बिहार का कायाकल्प कर दिया।
अब बिहार में रणजी ट्रॉफी होने लगा था। बिहार के खिलाड़ियों को मेडल के बदले नौकरी मिलने लगी थी ।
मोइनुल हक स्टेडियम के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरु हो चुकी थी। पटना में मेट्रो का कार्य युद्ध स्तर पर जारी था, मरीन ड्राइव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का रिवर फ्रंट बनाया जाने लगा था। रीगा का चीनी मिल फिर से चालू हो चुका था।
जो अबतक पूरे देश में नहीं हुआ, वो नितीश + तेजस्वी ने कर दिखाया। जाति आधारित गणना कराई, उसके वैज्ञानिक आंकड़ों को सार्वजनिक किया।
आरक्षण को बढ़ाकर 75% किया, 94 लाख परिवारों के स्वरोजगार के लिए ₹2 लाख की व्यवस्था की।
पहली बार बिहार में इन्वेस्टर्स समिट हुआ। पहली बार 50 हज़ार करोड़ का निवेश आया। पहली बार कोई स्वास्थ्य मंत्री आया, जिसे सदर अस्पतालों की फिक्र हुई, जिसने मुफ्त दवाओं की व्यवस्था की। जिसने आईजीआईएमएस में मुफ़्त इलाज के लिए निर्णय लिया।
आंगनबाड़ी सेविका की सैलरी बढ़ी, आशा दीदी की सैलरी बढ़ी। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त हुआ।
दवाई, कमाई, पढ़ाई को राष्ट्रीय विमर्श बनाया।
सामाजिक न्याय की लड़ाई को आर्थिक न्याय तक पहुंचाया। गिनवावे के लिए सैकड़ों कार्य हैं। सैकड़ों उपलब्धियां है।
ये पंद्रह महीने बिहार के लिए स्वर्णिम दौड़ था।
लेकिन अब नीतीश जी का जीवन अमित शाह का प्रयोगशाला बन गया है । वो और उनके लोग डर गए दिल्ली की ई.डी से,
हम उन्हें सम्मानपूर्वक विदा करेंगे। लेकिन ये लड़ाई नहीं रुकेगी। दबे, कुचले, वंचित समाज की लड़ाई।
बिहार नहीं रुकेगा। जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की वैचारिकी के लोग नहीं झुकेंगे ।
हम लड़ेंगे, जीतेंगे। 💙💛
दिल्ली के प्रयोग में फस गए,
नितीश कुमार ।
और बलि चढ़ा पिछड़ा शोषित वंचित दलित आदिवासी समाज जो उनके प्रति बड़ी आशा और विश्वास की नजर से देखता था ।
मुझे यह जान कर हैरत हैं 15 महीने की नितीश +तेजस्वी की सरकार ने जो वादे किए, उसे डिलीवर किया।
पिछले 15 महीने, बिहार की तरक्की और खुशहाली के लिए समर्पित रहे।
विहार ने हाड़ कंपाने वाली ठंड में रात के दो बजे मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री मंत्रियो को अस्पतालों का दौड़ा करते देखा। उन्हें जापान के प्रतिनिधियों के साथ बिहार में टूरिज्म पॉलिसी पर काम करते देखा।
70 दिनों के भीतर दिए गए ऐतिहासिक सवा दो लाख नौकरियों का गवाह पटना का गांधी मैदान रहा ।
केवल 15 महीने में दिए गए चार लाख सरकारी नौकरियों ने बिहार का कायाकल्प कर दिया।
अब बिहार में रणजी ट्रॉफी होने लगा था। बिहार के खिलाड़ियों को मेडल के बदले नौकरी मिलने लगी थी ।
मोइनुल हक स्टेडियम के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरु हो चुकी थी। पटना में मेट्रो का कार्य युद्ध स्तर पर जारी था, मरीन ड्राइव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का रिवर फ्रंट बनाया जाने लगा था। रीगा का चीनी मिल फिर से चालू हो चुका था।
जो अबतक पूरे देश में नहीं हुआ, वो नितीश + तेजस्वी ने कर दिखाया। जाति आधारित गणना कराई, उसके वैज्ञानिक आंकड़ों को सार्वजनिक किया।
आरक्षण को बढ़ाकर 75% किया, 94 लाख परिवारों के स्वरोजगार के लिए ₹2 लाख की व्यवस्था की।
पहली बार बिहार में इन्वेस्टर्स समिट हुआ। पहली बार 50 हज़ार करोड़ का निवेश आया। पहली बार कोई स्वास्थ्य मंत्री आया, जिसे सदर अस्पतालों की फिक्र हुई, जिसने मुफ्त दवाओं की व्यवस्था की। जिसने आईजीआईएमएस में मुफ़्त इलाज के लिए निर्णय लिया।
आंगनबाड़ी सेविका की सैलरी बढ़ी, आशा दीदी की सैलरी बढ़ी। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त हुआ।
दवाई, कमाई, पढ़ाई को राष्ट्रीय विमर्श बनाया।
सामाजिक न्याय की लड़ाई को आर्थिक न्याय तक पहुंचाया। गिनवावे के लिए सैकड़ों कार्य हैं। सैकड़ों उपलब्धियां है।
ये पंद्रह महीने बिहार के लिए स्वर्णिम दौड़ था।
लेकिन अब नीतीश जी का जीवन अमित शाह का प्रयोगशाला बन गया है । वो और उनके लोग डर गए दिल्ली की ई.डी से,
हम उन्हें सम्मानपूर्वक विदा करेंगे। लेकिन ये लड़ाई नहीं रुकेगी। दबे, कुचले, वंचित समाज की लड़ाई।
बिहार नहीं रुकेगा। जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की वैचारिकी के लोग नहीं झुकेंगे ।
हम लड़ेंगे, जीतेंगे। 💙💛
दिल्ली के प्रयोग में फस गए,
नितीश कुमार ।
और बलि चढ़ा पिछड़ा शोषित वंचित दलित आदिवासी समाज जो उनके प्रति बड़ी आशा और विश्वास की नजर से देखता था ।
मुझे यह जान कर हैरत हैं 15 महीने की नितीश +तेजस्वी की सरकार ने जो वादे किए, उसे डिलीवर किया।
पिछले 15 महीने, बिहार की तरक्की और खुशहाली के लिए समर्पित रहे।
विहार ने हाड़ कंपाने वाली ठंड में रात के दो बजे मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री मंत्रियो को अस्पतालों का दौड़ा करते देखा। उन्हें जापान के प्रतिनिधियों के साथ बिहार में टूरिज्म पॉलिसी पर काम करते देखा।
70 दिनों के भीतर दिए गए ऐतिहासिक सवा दो लाख नौकरियों का गवाह पटना का गांधी मैदान रहा ।
केवल 15 महीने में दिए गए चार लाख सरकारी नौकरियों ने बिहार का कायाकल्प कर दिया।
अब बिहार में रणजी ट्रॉफी होने लगा था। बिहार के खिलाड़ियों को मेडल के बदले नौकरी मिलने लगी थी ।
मोइनुल हक स्टेडियम के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरु हो चुकी थी। पटना में मेट्रो का कार्य युद्ध स्तर पर जारी था, मरीन ड्राइव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का रिवर फ्रंट बनाया जाने लगा था। रीगा का चीनी मिल फिर से चालू हो चुका था।
जो अबतक पूरे देश में नहीं हुआ, वो नितीश + तेजस्वी ने कर दिखाया। जाति आधारित गणना कराई, उसके वैज्ञानिक आंकड़ों को सार्वजनिक किया।
आरक्षण को बढ़ाकर 75% किया, 94 लाख परिवारों के स्वरोजगार के लिए ₹2 लाख की व्यवस्था की।
पहली बार बिहार में इन्वेस्टर्स समिट हुआ। पहली बार 50 हज़ार करोड़ का निवेश आया। पहली बार कोई स्वास्थ्य मंत्री आया, जिसे सदर अस्पतालों की फिक्र हुई, जिसने मुफ्त दवाओं की व्यवस्था की। जिसने आईजीआईएमएस में मुफ़्त इलाज के लिए निर्णय लिया।
आंगनबाड़ी सेविका की सैलरी बढ़ी, आशा दीदी की सैलरी बढ़ी। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त हुआ।
दवाई, कमाई, पढ़ाई को राष्ट्रीय विमर्श बनाया।
सामाजिक न्याय की लड़ाई को आर्थिक न्याय तक पहुंचाया। गिनवावे के लिए सैकड़ों कार्य हैं। सैकड़ों उपलब्धियां है।
ये पंद्रह महीने बिहार के लिए स्वर्णिम दौड़ था।
लेकिन अब नीतीश जी का जीवन अमित शाह का प्रयोगशाला बन गया है । वो और उनके लोग डर गए दिल्ली की ई.डी से,
हम उन्हें सम्मानपूर्वक विदा करेंगे। लेकिन ये लड़ाई नहीं रुकेगी। दबे, कुचले, वंचित समाज की लड़ाई।
बिहार नहीं रुकेगा। जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की वैचारिकी के लोग नहीं झुकेंगे ।
हम लड़ेंगे, जीतेंगे। 💙💛
दिल्ली के प्रयोग में फस गए,
नितीश कुमार ।
और बलि चढ़ा पिछड़ा शोषित वंचित दलित आदिवासी समाज जो उनके प्रति बड़ी आशा और विश्वास की नजर से देखता था ।
मुझे यह जान कर हैरत हैं 15 महीने की नितीश +तेजस्वी की सरकार ने जो वादे किए, उसे डिलीवर किया।
पिछले 15 महीने, बिहार की तरक्की और खुशहाली के लिए समर्पित रहे।
विहार ने हाड़ कंपाने वाली ठंड में रात के दो बजे मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री मंत्रियो को अस्पतालों का दौड़ा करते देखा। उन्हें जापान के प्रतिनिधियों के साथ बिहार में टूरिज्म पॉलिसी पर काम करते देखा।
70 दिनों के भीतर दिए गए ऐतिहासिक सवा दो लाख नौकरियों का गवाह पटना का गांधी मैदान रहा ।
केवल 15 महीने में दिए गए चार लाख सरकारी नौकरियों ने बिहार का कायाकल्प कर दिया।
अब बिहार में रणजी ट्रॉफी होने लगा था। बिहार के खिलाड़ियों को मेडल के बदले नौकरी मिलने लगी थी ।
मोइनुल हक स्टेडियम के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरु हो चुकी थी। पटना में मेट्रो का कार्य युद्ध स्तर पर जारी था, मरीन ड्राइव को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का रिवर फ्रंट बनाया जाने लगा था। रीगा का चीनी मिल फिर से चालू हो चुका था।
जो अबतक पूरे देश में नहीं हुआ, वो नितीश + तेजस्वी ने कर दिखाया। जाति आधारित गणना कराई, उसके वैज्ञानिक आंकड़ों को सार्वजनिक किया।
आरक्षण को बढ़ाकर 75% किया, 94 लाख परिवारों के स्वरोजगार के लिए ₹2 लाख की व्यवस्था की।
पहली बार बिहार में इन्वेस्टर्स समिट हुआ। पहली बार 50 हज़ार करोड़ का निवेश आया। पहली बार कोई स्वास्थ्य मंत्री आया, जिसे सदर अस्पतालों की फिक्र हुई, जिसने मुफ्त दवाओं की व्यवस्था की। जिसने आईजीआईएमएस में मुफ़्त इलाज के लिए निर्णय लिया।
आंगनबाड़ी सेविका की सैलरी बढ़ी, आशा दीदी की सैलरी बढ़ी। नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा प्राप्त हुआ।
दवाई, कमाई, पढ़ाई को राष्ट्रीय विमर्श बनाया।
सामाजिक न्याय की लड़ाई को आर्थिक न्याय तक पहुंचाया। गिनवावे के लिए सैकड़ों कार्य हैं। सैकड़ों उपलब्धियां है।
ये पंद्रह महीने बिहार के लिए स्वर्णिम दौड़ था।
लेकिन अब नीतीश जी का जीवन अमित शाह का प्रयोगशाला बन गया है । वो और उनके लोग डर गए दिल्ली की ई.डी से,
हम उन्हें सम्मानपूर्वक विदा करेंगे। लेकिन ये लड़ाई नहीं रुकेगी। दबे, कुचले, वंचित समाज की लड़ाई।
बिहार नहीं रुकेगा। जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की वैचारिकी के लोग नहीं झुकेंगे ।
हम लड़ेंगे, जीतेंगे। 💙💛
ब्राह्मण विदेशी है प्रमाण-
1. ऋग्वेद में श्लोक 10 में लिखा है
कि हम(वैदिक ब्राह्मण ) उत्तर ध्रुव से आये हुए लोगहै। जब आर्य व्
अनार्यो का युद्ध हुआ ।2. The Arctic Home At The
Vedasबालगंगाधर तिलक (ब्राह्मण) के द्वारालिखी पुस्तक में
मानते है कि हम बाहर आए हुएलोग है ।3. जवाहर लाल नेहरु ने
(बाबर के वंशज फिरकश्मीरी पंडित बने) उनकी किताब
Discoveryof India में लिखा है कि हम मध्य एशिया सेआये हुए
लोग है। यह बात कभी भूलना नहीचाहिए। ऐसे 30 पत्र इंदिरा
जी को लिखे जबवो होस्टल में पढ़ रही थी।4. वोल्गा टू गंगा में
“राहुलसांस्कृतयान” (केदारनाथ के पाण्डेय ब्राहम्ण)ने लिखा है
कि हम बाहर से आये हुए लोग हैऔर यह भी बताया की वोल्गा से
गंगा तट(भारत) कैसे आए।5. विनायक सावरकर ने (ब्राम्हण)
सहासोनरी पाने “इस मराठी किताब में लिखाकी हम भारत के
बाहर से आये लोग है।6. इक़बाल “काश्मीरी पंडित ” ने भी
जिसने“सारे जहा से अच्छा” गीत लिखा था कि हमबाहर से आए
हुए लोग है।7. राजा राम मोहन राय ने इग्लेंड में जाकरअपने
भाषणों में बोला था कि आज मै मेरी पितृभूमि यानि अपने घर
वापस आया हूँ।8. मोहन दास करम चन्द गांधी (वेश्य) ने1894 में
दक्षिणी अफ्रीका के विधान सभा मेंलिखे एक पत्र के अनुसार
हम भारतीय होने केसाथ साथ युरोशियन है हमारी नस्ल एक ही
हैइसलिए अग्रेज शासक से अच्छे बर्ताव कीअपेक्षा रखते है।9.
ब्रह्म समाज के नेता सुब चन्द्र सेन ने 1877में कलकत्ता की एक
सभा में कहा था किअंग्रेजो के आने से हम सदियों से बिछड़े
चचेरेभाइयों का (आर्य ब्रह्मण और अंग्रेज )पुनर्मिलन हुआ है।इस
सन्दर्भ में अमेरिका के Salt lake Cityस्थित युताहा
विश्वविधालय (University ofUtaha’ USA) के मानव वंश विभाग
केवैज्ञानिक माइकल बमशाद और आंध्र प्रदेश केविश्व
विद्यापीठ विशाखा पट्टनम केAnthropology विभाग के
वैज्ञानिकों द्वारासयुक्त तरीको से 1995 से 2001 तक
लगातार6 साल तक भारत के विविध जाति-धर्मो औरविदेशी
देश के लोगो के खून पर किये गये DNAके परिक्षण से एक रिपोर्ट
तैयार की। जिसमेंबता गया कि भारत देश की ब्राह्मण जातिके
लोगों का DNA 99:96 %, कश्त्रिय जातिके लोगों का DNA
99.88% और वेश्य-बनियाजाति के लोगो का DNA 99:86%
मध्ययूरेशिया के पास जो “काला सागर ’BlacSea” है। वहां के
लोगो से मिलता है। इसरिपोर्ट से यह निष्कर्ष निकालता है
किब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य-बनिया विदेशीलोग है और एस
सी, एस टी और ओबीसी में बंटेलोग (कुल 6743 जातियां) और
भारत के धर्मपरिवर्तित मुसलमान, सिख, बुध, ईसाई आदिधर्मों
के लोगों का DNA आपस में मिलता है।जिससे साबित होता है
कि एस सी, एस टी,ओबीसी और धर्म परिवर्तित लोग भारत
केमूलनिवासी है। इससे यह भी पता चलता हैकि एस सी, एस टी,
ओबीसी औरधर्मपरिवर्तित लोग एक ही वंश के लोग है।एस सी,
एस टी, ओबीसी और धर्म परिवर्तितलोगों को आपस में जाति
के आधार पर बाँट करब्राह्मणों ने सभी मूलनिवासियों पर
झूटीधार्मिक गुलामी थोप रखी है। 1900 के शुरुआतसे आर्य
समाज ब्राह्मण जैसे संगठन बनाने वालेइन लोगो ने 1925 से हिन्दु
नामक चोलापहनाकर घुमाते आ रहे है। उक्त बात काविचार हमे
बहुत ही गहनता से करने कीआवश्यकता है। राष्ट्रिय स्वयं
सेवकसंघ केजरिये 3% ब्राह्मvvण 97% मूलनिवासीभारतीयों पर
पिछ्ले कई सालों से राज करतेआ रहे हैं।
ब्राह्मण विदेशी है प्रमाण-
1. ऋग्वेद में श्लोक 10 में लिखा है
कि हम(वैदिक ब्राह्मण ) उत्तर ध्रुव से आये हुए लोगहै। जब आर्य व्
अनार्यो का युद्ध हुआ ।2. The Arctic Home At The
Vedasबालगंगाधर तिलक (ब्राह्मण) के द्वारालिखी पुस्तक में
मानते है कि हम बाहर आए हुएलोग है ।3. जवाहर लाल नेहरु ने
(बाबर के वंशज फिरकश्मीरी पंडित बने) उनकी किताब
Discoveryof India में लिखा है कि हम मध्य एशिया सेआये हुए
लोग है। यह बात कभी भूलना नहीचाहिए। ऐसे 30 पत्र इंदिरा
जी को लिखे जबवो होस्टल में पढ़ रही थी।4. वोल्गा टू गंगा में
“राहुलसांस्कृतयान” (केदारनाथ के पाण्डेय ब्राहम्ण)ने लिखा है
कि हम बाहर से आये हुए लोग हैऔर यह भी बताया की वोल्गा से
गंगा तट(भारत) कैसे आए।5. विनायक सावरकर ने (ब्राम्हण)
सहासोनरी पाने “इस मराठी किताब में लिखाकी हम भारत के
बाहर से आये लोग है।6. इक़बाल “काश्मीरी पंडित ” ने भी
जिसने“सारे जहा से अच्छा” गीत लिखा था कि हमबाहर से आए
हुए लोग है।7. राजा राम मोहन राय ने इग्लेंड में जाकरअपने
भाषणों में बोला था कि आज मै मेरी पितृभूमि यानि अपने घर
वापस आया हूँ।8. मोहन दास करम चन्द गांधी (वेश्य) ने1894 में
दक्षिणी अफ्रीका के विधान सभा मेंलिखे एक पत्र के अनुसार
हम भारतीय होने केसाथ साथ युरोशियन है हमारी नस्ल एक ही
हैइसलिए अग्रेज शासक से अच्छे बर्ताव कीअपेक्षा रखते है।9.
ब्रह्म समाज के नेता सुब चन्द्र सेन ने 1877में कलकत्ता की एक
सभा में कहा था किअंग्रेजो के आने से हम सदियों से बिछड़े
चचेरेभाइयों का (आर्य ब्रह्मण और अंग्रेज )पुनर्मिलन हुआ है।इस
सन्दर्भ में अमेरिका के Salt lake Cityस्थित युताहा
विश्वविधालय (University ofUtaha’ USA) के मानव वंश विभाग
केवैज्ञानिक माइकल बमशाद और आंध्र प्रदेश केविश्व
विद्यापीठ विशाखा पट्टनम केAnthropology विभाग के
वैज्ञानिकों द्वारासयुक्त तरीको से 1995 से 2001 तक
लगातार6 साल तक भारत के विविध जाति-धर्मो औरविदेशी
देश के लोगो के खून पर किये गये DNAके परिक्षण से एक रिपोर्ट
तैयार की। जिसमेंबता गया कि भारत देश की ब्राह्मण जातिके
लोगों का DNA 99:96 %, कश्त्रिय जातिके लोगों का DNA
99.88% और वेश्य-बनियाजाति के लोगो का DNA 99:86%
मध्ययूरेशिया के पास जो “काला सागर ’BlacSea” है। वहां के
लोगो से मिलता है। इसरिपोर्ट से यह निष्कर्ष निकालता है
किब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य-बनिया विदेशीलोग है और एस
सी, एस टी और ओबीसी में बंटेलोग (कुल 6743 जातियां) और
भारत के धर्मपरिवर्तित मुसलमान, सिख, बुध, ईसाई आदिधर्मों
के लोगों का DNA आपस में मिलता है।जिससे साबित होता है
कि एस सी, एस टी,ओबीसी और धर्म परिवर्तित लोग भारत
केमूलनिवासी है। इससे यह भी पता चलता हैकि एस सी, एस टी,
ओबीसी औरधर्मपरिवर्तित लोग एक ही वंश के लोग है।एस सी,
एस टी, ओबीसी और धर्म परिवर्तितलोगों को आपस में जाति
के आधार पर बाँट करब्राह्मणों ने सभी मूलनिवासियों पर
झूटीधार्मिक गुलामी थोप रखी है। 1900 के शुरुआतसे आर्य
समाज ब्राह्मण जैसे संगठन बनाने वालेइन लोगो ने 1925 से हिन्दु
नामक चोलापहनाकर घुमाते आ रहे है। उक्त बात काविचार हमे
बहुत ही गहनता से करने कीआवश्यकता है। राष्ट्रिय स्वयं
सेवकसंघ केजरिये 3% ब्राह्मvvण 97% मूलनिवासीभारतीयों पर
पिछ्ले कई सालों से राज करतेआ रहे हैं।
ब्राह्मण विदेशी है प्रमाण-
1. ऋग्वेद में श्लोक 10 में लिखा है
कि हम(वैदिक ब्राह्मण ) उत्तर ध्रुव से आये हुए लोगहै। जब आर्य व्
अनार्यो का युद्ध हुआ ।2. The Arctic Home At The
Vedasबालगंगाधर तिलक (ब्राह्मण) के द्वारालिखी पुस्तक में
मानते है कि हम बाहर आए हुएलोग है ।3. जवाहर लाल नेहरु ने
(बाबर के वंशज फिरकश्मीरी पंडित बने) उनकी किताब
Discoveryof India में लिखा है कि हम मध्य एशिया सेआये हुए
लोग है। यह बात कभी भूलना नहीचाहिए। ऐसे 30 पत्र इंदिरा
जी को लिखे जबवो होस्टल में पढ़ रही थी।4. वोल्गा टू गंगा में
“राहुलसांस्कृतयान” (केदारनाथ के पाण्डेय ब्राहम्ण)ने लिखा है
कि हम बाहर से आये हुए लोग हैऔर यह भी बताया की वोल्गा से
गंगा तट(भारत) कैसे आए।5. विनायक सावरकर ने (ब्राम्हण)
सहासोनरी पाने “इस मराठी किताब में लिखाकी हम भारत के
बाहर से आये लोग है।6. इक़बाल “काश्मीरी पंडित ” ने भी
जिसने“सारे जहा से अच्छा” गीत लिखा था कि हमबाहर से आए
हुए लोग है।7. राजा राम मोहन राय ने इग्लेंड में जाकरअपने
भाषणों में बोला था कि आज मै मेरी पितृभूमि यानि अपने घर
वापस आया हूँ।8. मोहन दास करम चन्द गांधी (वेश्य) ने1894 में
दक्षिणी अफ्रीका के विधान सभा मेंलिखे एक पत्र के अनुसार
हम भारतीय होने केसाथ साथ युरोशियन है हमारी नस्ल एक ही
हैइसलिए अग्रेज शासक से अच्छे बर्ताव कीअपेक्षा रखते है।9.
ब्रह्म समाज के नेता सुब चन्द्र सेन ने 1877में कलकत्ता की एक
सभा में कहा था किअंग्रेजो के आने से हम सदियों से बिछड़े
चचेरेभाइयों का (आर्य ब्रह्मण और अंग्रेज )पुनर्मिलन हुआ है।इस
सन्दर्भ में अमेरिका के Salt lake Cityस्थित युताहा
विश्वविधालय (University ofUtaha’ USA) के मानव वंश विभाग
केवैज्ञानिक माइकल बमशाद और आंध्र प्रदेश केविश्व
विद्यापीठ विशाखा पट्टनम केAnthropology विभाग के
वैज्ञानिकों द्वारासयुक्त तरीको से 1995 से 2001 तक
लगातार6 साल तक भारत के विविध जाति-धर्मो औरविदेशी
देश के लोगो के खून पर किये गये DNAके परिक्षण से एक रिपोर्ट
तैयार की। जिसमेंबता गया कि भारत देश की ब्राह्मण जातिके
लोगों का DNA 99:96 %, कश्त्रिय जातिके लोगों का DNA
99.88% और वेश्य-बनियाजाति के लोगो का DNA 99:86%
मध्ययूरेशिया के पास जो “काला सागर ’BlacSea” है। वहां के
लोगो से मिलता है। इसरिपोर्ट से यह निष्कर्ष निकालता है
किब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य-बनिया विदेशीलोग है और एस
सी, एस टी और ओबीसी में बंटेलोग (कुल 6743 जातियां) और
भारत के धर्मपरिवर्तित मुसलमान, सिख, बुध, ईसाई आदिधर्मों
के लोगों का DNA आपस में मिलता है।जिससे साबित होता है
कि एस सी, एस टी,ओबीसी और धर्म परिवर्तित लोग भारत
केमूलनिवासी है। इससे यह भी पता चलता हैकि एस सी, एस टी,
ओबीसी औरधर्मपरिवर्तित लोग एक ही वंश के लोग है।एस सी,
एस टी, ओबीसी और धर्म परिवर्तितलोगों को आपस में जाति
के आधार पर बाँट करब्राह्मणों ने सभी मूलनिवासियों पर
झूटीधार्मिक गुलामी थोप रखी है। 1900 के शुरुआतसे आर्य
समाज ब्राह्मण जैसे संगठन बनाने वालेइन लोगो ने 1925 से हिन्दु
नामक चोलापहनाकर घुमाते आ रहे है। उक्त बात काविचार हमे
बहुत ही गहनता से करने कीआवश्यकता है। राष्ट्रिय स्वयं
सेवकसंघ केजरिये 3% ब्राह्मvvण 97% मूलनिवासीभारतीयों पर
पिछ्ले कई सालों से राज करतेआ रहे हैं।
Mp me bhi gond st yane adiwasi hota hai
ОтветитьGeneral wale like kare
Ответитьडीएनए जांच से ये बात प्रमाणित हो चुकी है कि ब्राह्मण विदेशी हैं और उनका मूल देश यूरेशिया है ! और ये सच्चाई आज नहीं तो कल ब्राह्मणों को स्वीकार करनी ही होगी !
डीएनए जांच वो प्रमाण है जिसे दुनियां की कोई भी ताकत मानने से इंकार नहीं कर सकती ।
जितने भी ब्राह्मण खुद को विद्वान समझते हैं वो भी ये बात अच्छी तरह से जानते हैं कि उन की ही धर्म ग्रंथों में दर्ज है कि ब्राह्मण विदेशी हैं, यहां तक कि भारत के पहले प्रधानमन्त्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी अपनी पुस्तक "भारत एक खोज" ( Discovery of India) में लिखा है था कि ब्राह्मण विदेशी हैं !
Vishleshan sahi nahi hai.
Ответитьआपका बनाया लिस्ट गलत है मोची और चमार एक ही है थोड़ा अपना ज्ञान को बढ़ाइए किसी को obc और sc दोनों बना दिया है।
ОтветитьOBC
ОтветитьBhiya yani veshy cast ka G. O. Dikhaoo
ОтветитьDusad paswan sc❤
ОтветитьDhobi comes in SC
ОтветитьVery,good
ОтветитьNishad kaun si jaati mein aate Hain Uttar Pradesh main main
ОтветитьJab bhi to ham apni na poochhi karne ke liye ki main Jaat mein Thakur aur FIR dusre deshon se hath mila lete hain FIR gulami ki janjeeron mein apne aap hi ham gulam
ОтветитьJab bhi to ham Apne Desh mein ine jaatiyon ko lekar aapas mein ladte rahte Hain jab bhi to ham is Desh ka kuchh nahin
ОтветитьMere Bhai yah kya kar diya
ОтветитьBhagwan Sirp Hindu बनाया है ❤️❤️
Ответитьतत्त्व Obc Mein Ataa hai Tor हमे अछूत क्यों कहते है 😧
ОтветитьSabhi hindu hai uske alawa kuch nahi.
ОтветитьMusalman Dhobi Hindu Dhobi wala kam karta hai to Musalman Dhobi bhi pichhadi Jaat Mein aata hai to aap Logon Ko Kya kasht Hai
ОтветитьSunar obc me nhi garnal me
Ответить100000 ke loan pe 21000 ki emi aarahi h
ОтветитьKoi kahin bhi aye jati honi hi nahi chahiye nam ke bad jati na ho devide and rule
Ответитьसिंधी जाति कौन सी कैटेगरी में आती है
Ответитьनाई ठाकुर किस में आते है
ОтветитьChauhan aur rajput ak hi jaati me aata hai ya alag alag jaati me aata hai
ОтветитьE to or pgl bna dega
ОтветитьDhobi kb se obc m aa gya
ОтветитьThakur or rajput kya alg alg jaati h
ОтветитьObc arkvanshi
ОтветитьOBC मे कई जाति को ठाकुर कहा जाता है जैसे यादव, नाई ठाकुर और कई जाति है।
ОтветитьThanks sir pathan ke bare me koi video bata hi nhi paya☺☺☺
Ответить2024धोबीobcमेहै
ОтветитьKhangar jati mp me sc me he yaar mp me bhi gn me honi chahiye 😢
ОтветитьYour list' name is rongs.
ОтветитьKushwaha kachwaha kis mai ati hai
ОтветитьUp ke hisab se sc me 😂😂
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